महाभारतम् — 8.6.7
Original
Segmented
पर्यङ्केषु परार्ध्येषु स्पर्ध्य-आस्तरणवत् च वरासनेषु उपविष्टाः सुख-शय्यासु इव अमराः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पर्यङ्केषु | पर्यङ्क | pos=n,g=m,c=7,n=p |
परार्ध्येषु | परार्ध्य | pos=a,g=m,c=7,n=p |
स्पर्ध्य | स्पर्ध्य | pos=a,comp=y |
आस्तरणवत् | आस्तरणवत् | pos=a,g=m,c=7,n=p |
च | च | pos=i |
वरासनेषु | वरासन | pos=n,g=n,c=7,n=p |
उपविष्टाः | उपविश् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
सुख | सुख | pos=a,comp=y |
शय्यासु | शय्या | pos=n,g=f,c=7,n=p |
इव | इव | pos=i |
अमराः | अमर | pos=n,g=m,c=1,n=p |