महाभारतम् — 8.59.42
Original
Segmented
संभग्नम् हि बलम् दृष्ट्वा बलात् पार्थेन तावकम् धनुः विस्फारयन् कर्णस् तस्थौ शत्रु-जिघांसया पाञ्चालान् पुनः आधावत् पश्यतः सव्यसाचिनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संभग्नम् | सम्भञ्ज् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
हि | हि | pos=i |
बलम् | बल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
बलात् | बल | pos=n,g=n,c=5,n=s |
पार्थेन | पार्थ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
तावकम् | तावक | pos=a,g=n,c=2,n=s |
धनुः | धनुस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
विस्फारयन् | विस्फारय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
कर्णस् | कर्ण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्थौ | स्था | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
शत्रु | शत्रु | pos=n,comp=y |
जिघांसया | जिघांसा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
पाञ्चालान् | पाञ्चाल | pos=n,g=m,c=2,n=p |
पुनः | पुनर् | pos=i |
आधावत् | आधाव् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
पश्यतः | पश् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
सव्यसाचिनः | सव्यसाचिन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |