महाभारतम् — 8.53.5
Original
Segmented
कृपः शिखण्डी च रणे समेतौ दुर्योधनम् सात्यकिः अभ्यगच्छत श्रुतश्रवा द्रोण-सुतेन सार्धम् युधामन्युः चित्रसेनेन च अपि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कृपः | कृप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शिखण्डी | शिखण्डिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
समेतौ | समे | pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part |
दुर्योधनम् | दुर्योधन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सात्यकिः | सात्यकि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अभ्यगच्छत | अभिगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
श्रुतश्रवा | श्रुतश्रवस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
द्रोण | द्रोण | pos=n,comp=y |
सुतेन | सुत | pos=n,g=m,c=3,n=s |
सार्धम् | सार्धम् | pos=i |
युधामन्युः | युधामन्यु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
चित्रसेनेन | चित्रसेन | pos=n,g=m,c=3,n=s |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |