महाभारतम् — 8.53.1
Original
Segmented
संजय उवाच तेषाम् अनीकानि बृहत्-ध्वजानि रणे समृद्धानि समागतानि गर्जन्ति भेरी-निनद-उन्मुखानि मेघैः यथा मेघ-गणाः तपान्ते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अनीकानि | अनीक | pos=n,g=n,c=1,n=p |
बृहत् | बृहत् | pos=a,comp=y |
ध्वजानि | ध्वज | pos=n,g=n,c=1,n=p |
रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
समृद्धानि | समृध् | pos=va,g=n,c=1,n=p,f=part |
समागतानि | समागम् | pos=va,g=n,c=1,n=p,f=part |
गर्जन्ति | गर्ज् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
भेरी | भेरी | pos=n,comp=y |
निनद | निनद | pos=n,comp=y |
उन्मुखानि | उन्मुख | pos=a,g=n,c=1,n=p |
मेघैः | मेघ | pos=n,g=m,c=3,n=p |
यथा | यथा | pos=i |
मेघ | मेघ | pos=n,comp=y |
गणाः | गण | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तपान्ते | तपान्त | pos=n,g=m,c=7,n=s |