Original

स त्वं धर्मभृतां श्रेष्ठं राजानं धर्मसंहितम् ।प्रसादय कुरुश्रेष्ठमेतदत्र मतं मम ॥ ५ ॥

Segmented

स त्वम् धर्म-भृताम् श्रेष्ठम् राजानम् धर्म-संहितम् प्रसादय कुरुश्रेष्ठम् एतद् अत्र मतम् मम

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
भृताम् भृत् pos=a,g=m,c=6,n=p
श्रेष्ठम् श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=2,n=s
राजानम् राजन् pos=n,g=m,c=2,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
संहितम् संधा pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
प्रसादय प्रसादय् pos=v,p=2,n=s,l=lot
कुरुश्रेष्ठम् कुरुश्रेष्ठ pos=n,g=m,c=2,n=s
एतद् एतद् pos=n,g=n,c=1,n=s
अत्र अत्र pos=i
मतम् मत pos=n,g=n,c=1,n=s
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s