Original

उवाच भरतश्रेष्ठ प्रसीदेति पुनः पुनः ।क्षमस्व राजन्यत्प्रोक्तं धर्मकामेन भीरुणा ॥ १० ॥

Segmented

उवाच भरत-श्रेष्ठ प्रसीद इति पुनः पुनः क्षमस्व राजन् यत् प्रोक्तम् धर्म-कामेन भीरुणा

Analysis

Word Lemma Parse
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
भरत भरत pos=n,comp=y
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
प्रसीद प्रसद् pos=v,p=2,n=s,l=lot
इति इति pos=i
पुनः पुनर् pos=i
पुनः पुनर् pos=i
क्षमस्व क्षम् pos=v,p=2,n=s,l=lot
राजन् राजन् pos=n,g=m,c=8,n=s
यत् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
प्रोक्तम् प्रवच् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
धर्म धर्म pos=n,comp=y
कामेन काम pos=n,g=m,c=3,n=s
भीरुणा भीरु pos=a,g=m,c=3,n=s