Original

स गुरुं पार्थ कस्मात्त्वं हन्या धर्ममनुस्मरन् ।असंप्रधार्य धर्माणां गतिं सूक्ष्मां दुरन्वयाम् ॥ २४ ॥

Segmented

स गुरुम् पार्थ कस्मात् त्वम् हन्या धर्मम् अनुस्मरन् अ सम्प्रधार्य धर्माणाम् गतिम् सूक्ष्माम् दुरन्वयाम्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
गुरुम् गुरु pos=n,g=m,c=2,n=s
पार्थ पार्थ pos=n,g=m,c=8,n=s
कस्मात् कस्मात् pos=i
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
हन्या हन् pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin
धर्मम् धर्म pos=n,g=m,c=2,n=s
अनुस्मरन् अनुस्मृ pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
pos=i
सम्प्रधार्य सम्प्रधारय् pos=vi
धर्माणाम् धर्म pos=n,g=m,c=6,n=p
गतिम् गति pos=n,g=f,c=2,n=s
सूक्ष्माम् सूक्ष्म pos=a,g=f,c=2,n=s
दुरन्वयाम् दुरन्वय pos=a,g=f,c=2,n=s