महाभारतम् — 8.48.11
Original
Segmented
इत्य् अन्तरिक्षे शतशृङ्ग-मूर्ध्नि तपस्विनाम् शृण्वताम् वाग् उवाच एवंविधम् त्वाम् तच् च न अभूत् ते अद्य देवा हि नूनम् अनृतम् वदन्ति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इत्य् | इति | pos=i |
अन्तरिक्षे | अन्तरिक्ष | pos=n,g=n,c=7,n=s |
शतशृङ्ग | शतशृङ्ग | pos=n,comp=y |
मूर्ध्नि | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तपस्विनाम् | तपस्विन् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
शृण्वताम् | श्रु | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
वाग् | वाच् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
एवंविधम् | एवंविध | pos=a,g=m,c=2,n=s |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
तच् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
न | न | pos=i |
अभूत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अद्य | अद्य | pos=i |
देवा | देव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
हि | हि | pos=i |
नूनम् | नूनम् | pos=i |
अनृतम् | अनृत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वदन्ति | वद् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |