महाभारतम् — 8.42.40
Original
Segmented
एतस्मिन्न् एव काले तु माधवो ऽर्जुनम् अब्रवीत् पश्य पार्थ यथा द्रौणिः पार्षतस्य वधम् प्रति यत्नम् करोति विपुलम् हन्याच् च एनम् असंशयम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एतस्मिन्न् | एतद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
एव | एव | pos=i |
काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तु | तु | pos=i |
माधवो | माधव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽर्जुनम् | अर्जुन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
पश्य | पश् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
पार्थ | पार्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
द्रौणिः | द्रौणि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पार्षतस्य | पार्षत | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वधम् | वध | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रति | प्रति | pos=i |
यत्नम् | यत्न | pos=n,g=m,c=2,n=s |
करोति | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
विपुलम् | विपुल | pos=a,g=m,c=2,n=s |
हन्याच् | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
च | च | pos=i |
एनम् | एनद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
असंशयम् | असंशयम् | pos=i |