महाभारतम् — 8.4.108
Original
Segmented
मुह्यमानो अब्रवीत् च अपि मुहूर्तम् तिष्ठ संजय व्याकुलम् मे मनस् तात श्रुत्वा सु महत् अप्रियम् नष्ट-चित्तः ततः सो ऽथ बभूव जगतीपतिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मुह्यमानो | मुह् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
मुहूर्तम् | मुहूर्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तिष्ठ | स्था | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
व्याकुलम् | व्याकुल | pos=a,g=n,c=1,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
मनस् | मनस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
सु | सु | pos=i |
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अप्रियम् | अप्रिय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
नष्ट | नश् | pos=va,comp=y,f=part |
चित्तः | चित्त | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ततः | ततस् | pos=i |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽथ | अथ | pos=i |
बभूव | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
जगतीपतिः | जगतीपति | pos=n,g=m,c=1,n=s |