महाभारतम् — 8.39.1
Original
Segmented
संजय उवाच द्रौणिः युधिष्ठिरम् दृष्ट्वा शैनेयेन अभिरक्षितम् द्रौपदेयैस् तथा शूरैः अभ्यवर्तत हृष्ट-वत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
द्रौणिः | द्रौणि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
युधिष्ठिरम् | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
शैनेयेन | शैनेय | pos=n,g=m,c=3,n=s |
अभिरक्षितम् | अभिरक्ष् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
द्रौपदेयैस् | द्रौपदेय | pos=n,g=m,c=3,n=p |
तथा | तथा | pos=i |
शूरैः | शूर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
अभ्यवर्तत | अभिवृत् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
हृष्ट | हृष् | pos=va,comp=y,f=part |
वत् | वत् | pos=i |