Original

त्रैलोक्यस्य समस्तस्य शक्तः क्रुद्धो निवारणे ।बिभर्ति यादृशं रूपं कालाग्निसदृशं शुभम् ॥ १४ ॥

Segmented

त्रैलोक्यस्य समस्तस्य शक्तः क्रुद्धो निवारणे बिभर्ति यादृशम् रूपम् कालाग्नि-सदृशम् शुभम्

Analysis

Word Lemma Parse
त्रैलोक्यस्य त्रैलोक्य pos=n,g=n,c=6,n=s
समस्तस्य समस्त pos=a,g=n,c=6,n=s
शक्तः शक् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
क्रुद्धो क्रुध् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
निवारणे निवारण pos=n,g=n,c=7,n=s
बिभर्ति भृ pos=v,p=3,n=s,l=lat
यादृशम् यादृश pos=a,g=n,c=2,n=s
रूपम् रूप pos=n,g=n,c=2,n=s
कालाग्नि कालाग्नि pos=n,comp=y
सदृशम् सदृश pos=a,g=n,c=2,n=s
शुभम् शुभ pos=a,g=n,c=2,n=s