महाभारतम् — 8.32.22
Original
Segmented
विपत्र-आयुध-देह-असून् कृत्वा शत्रून् सहस्रशः युक्त्वा स्वर्ग-यशस् च स्वेभ्यो मुदम् उदावहत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विपत्र | विपत्र | pos=a,comp=y |
आयुध | आयुध | pos=n,comp=y |
देह | देह | pos=n,comp=y |
असून् | असु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
शत्रून् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
सहस्रशः | सहस्रशस् | pos=i |
युक्त्वा | युज् | pos=vi |
स्वर्ग | स्वर्ग | pos=n,comp=y |
यशस् | यशस् | pos=n,g=n,c=3,n=d |
च | च | pos=i |
स्वेभ्यो | स्व | pos=a,g=m,c=4,n=p |
मुदम् | मुद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
उदावहत् | उदावह् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |