महाभारतम् — 8.30.66
Original
Segmented
व्रात्यानाम् दाशमीयानाम् कृते ऽप्य् अशुभ-कर्मणाम् इति पाञ्चनदम् धर्मम् अवमेने पितामहः स्वधर्म-स्थेषु वर्णेषु सो ऽप्य् एतम् न अभिपूजयेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
व्रात्यानाम् | व्रात्य | pos=n,g=m,c=6,n=p |
दाशमीयानाम् | दाशमीय | pos=n,g=m,c=6,n=p |
कृते | कृते | pos=i |
ऽप्य् | अपि | pos=i |
अशुभ | अशुभ | pos=a,comp=y |
कर्मणाम् | कर्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
इति | इति | pos=i |
पाञ्चनदम् | पाञ्चनद | pos=a,g=m,c=2,n=s |
धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अवमेने | अवमन् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
पितामहः | पितामह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्वधर्म | स्वधर्म | pos=n,comp=y |
स्थेषु | स्थ | pos=a,g=m,c=7,n=p |
वर्णेषु | वर्ण | pos=n,g=m,c=7,n=p |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽप्य् | अपि | pos=i |
एतम् | एतद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
अभिपूजयेत् | अभिपूजय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |