महाभारतम् — 8.29.16
Original
Segmented
विशारदम् रथ-मार्गेषु असक्तम् धुर्यम् नित्यम् समरेषु प्रवीरम् लोके वरम् सर्व-धनुर्धरानाम् धनंजयम् संयुगे संसहिष्ये
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विशारदम् | विशारद | pos=a,g=m,c=2,n=s |
रथ | रथ | pos=n,comp=y |
मार्गेषु | मार्ग | pos=n,g=m,c=7,n=p |
असक्तम् | असक्त | pos=a,g=m,c=2,n=s |
धुर्यम् | धुर्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
समरेषु | समर | pos=n,g=m,c=7,n=p |
प्रवीरम् | प्रवीर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वरम् | वर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
धनुर्धरानाम् | धनुर्धर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
धनंजयम् | धनंजय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
संयुगे | संयुग | pos=n,g=n,c=7,n=s |
संसहिष्ये | संसह् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |