Original

मित्रध्रुङ्मद्रको नित्यं यो नो द्वेष्टि स मद्रकः ।मद्रके संगतं नास्ति क्षुद्रवाक्ये नराधमे ॥ ७३ ॥

Segmented

मित्र-द्रुह् मद्रको नित्यम् यो नो द्वेष्टि स मद्रकः मद्रके संगतम् न अस्ति क्षुद्र-वाक्ये नर-अधमे

Analysis

Word Lemma Parse
मित्र मित्र pos=n,comp=y
द्रुह् द्रुह् pos=a,g=m,c=1,n=s
मद्रको मद्रक pos=n,g=m,c=1,n=s
नित्यम् नित्यम् pos=i
यो यद् pos=n,g=m,c=1,n=s
नो मद् pos=n,g=,c=2,n=p
द्वेष्टि द्विष् pos=v,p=3,n=s,l=lat
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
मद्रकः मद्रक pos=n,g=m,c=1,n=s
मद्रके मद्रक pos=n,g=m,c=7,n=s
संगतम् संगत pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
अस्ति अस् pos=v,p=3,n=s,l=lat
क्षुद्र क्षुद्र pos=a,comp=y
वाक्ये वाक्य pos=n,g=m,c=7,n=s
नर नर pos=n,comp=y
अधमे अधम pos=a,g=m,c=7,n=s