Original

त्रिशूलमाश्लिष्य सुतीक्ष्णधारं सर्वाणि गात्राणि निघर्षसि त्वम् ।सुतीक्ष्णधारोपमकर्मणा त्वं युयुत्ससे योऽर्जुनेनाद्य कर्ण ॥ ३४ ॥

Segmented

त्रिशूलम् आश्लिष्य सु तीक्ष्ण-धारम् सर्वाणि गात्राणि निघर्षसि त्वम् सु तीक्ष्ण-धार-उपम-कर्मणा त्वम् युयुत्ससे यो अर्जुनेन अद्य कर्ण

Analysis

Word Lemma Parse
त्रिशूलम् त्रिशूल pos=n,g=n,c=2,n=s
आश्लिष्य आश्लिष् pos=vi
सु सु pos=i
तीक्ष्ण तीक्ष्ण pos=a,comp=y
धारम् धारा pos=n,g=n,c=2,n=s
सर्वाणि सर्व pos=n,g=n,c=2,n=p
गात्राणि गात्र pos=n,g=n,c=2,n=p
निघर्षसि निघृष् pos=v,p=2,n=s,l=lat
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
सु सु pos=i
तीक्ष्ण तीक्ष्ण pos=a,comp=y
धार धारा pos=n,comp=y
उपम उपम pos=a,comp=y
कर्मणा कर्मन् pos=n,g=n,c=3,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
युयुत्ससे युयुत्स् pos=v,p=2,n=s,l=lat
यो यद् pos=n,g=m,c=1,n=s
अर्जुनेन अर्जुन pos=n,g=m,c=3,n=s
अद्य अद्य pos=i
कर्ण कर्ण pos=n,g=m,c=8,n=s