महाभारतम् — 8.26.55
Original
Segmented
कल्याण-वृत्तः सततम् हि राजन् वैचित्रवीर्यस्य सुतो मे आसीत् तस्य अर्थ-सिद्धि-अर्थम् अहम् त्यजामि प्रियान् भोगान् दुस्त्यजम् जीवितम् च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कल्याण | कल्याण | pos=a,comp=y |
वृत्तः | वृत् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
सततम् | सततम् | pos=i |
हि | हि | pos=i |
राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
वैचित्रवीर्यस्य | वैचित्रवीर्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
सुतो | सुत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
आसीत् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
सिद्धि | सिद्धि | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
त्यजामि | त्यज् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
प्रियान् | प्रिय | pos=a,g=m,c=2,n=p |
भोगान् | भोग | pos=n,g=m,c=2,n=p |
दुस्त्यजम् | दुस्त्यज | pos=a,g=n,c=2,n=s |
जीवितम् | जीवित | pos=n,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |