महाभारतम् — 8.24.122
Original
Segmented
स च आत्म-क्रोध-जः वह्निः हाहा इति उक्त्वा निवारितः मा कार्षीः भस्मसाल् लोकान् इति त्र्यक्षो ऽब्रवीच् च तम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
क्रोध | क्रोध | pos=n,comp=y |
जः | ज | pos=a,g=m,c=1,n=s |
वह्निः | वह्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हाहा | हाहा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
उक्त्वा | वच् | pos=vi |
निवारितः | निवारय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
मा | मा | pos=i |
कार्षीः | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lun_unaug |
भस्मसाल् | भस्मसात् | pos=i |
लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
इति | इति | pos=i |
त्र्यक्षो | त्र्यक्ष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽब्रवीच् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
च | च | pos=i |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |