महाभारतम् — 8.24.107
Original
Segmented
ब्रह्मा उवाच न अत्र किंचिन् मृषा वाक्यम् यद् उक्तम् वो दिवौकसः संयच्छामि हयान् एष युध्यतो वै कपर्दिनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ब्रह्मा | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
न | न | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
किंचिन् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मृषा | मृषा | pos=i |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
उक्तम् | वच् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
वो | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
दिवौकसः | दिवौकस् | pos=n,g=m,c=8,n=p |
संयच्छामि | संयम् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
हयान् | हय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
युध्यतो | युध् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
वै | वै | pos=i |
कपर्दिनः | कपर्दिन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |