महाभारतम् — 8.24.105
Original
Segmented
त्वाम् ऋते सारथिम् तत्र न अन्यम् पश्यामहे वयम् त्वम् हि सर्वैः गुणैः युक्तो देवताभ्यो ऽधिकः प्रभो सारथ्ये तूर्णम् आरोह संयच्छ परमान् हयान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
ऋते | ऋते | pos=i |
सारथिम् | सारथि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
न | न | pos=i |
अन्यम् | अन्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पश्यामहे | पश् | pos=v,p=1,n=p,l=lat |
वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
सर्वैः | सर्व | pos=n,g=m,c=3,n=p |
गुणैः | गुण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
युक्तो | युज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
देवताभ्यो | देवता | pos=n,g=f,c=5,n=p |
ऽधिकः | अधिक | pos=a,g=m,c=1,n=s |
प्रभो | प्रभु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
सारथ्ये | सारथ्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
तूर्णम् | तूर्णम् | pos=i |
आरोह | आरुह् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
संयच्छ | संयम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
परमान् | परम | pos=a,g=m,c=2,n=p |
हयान् | हय | pos=n,g=m,c=2,n=p |