महाभारतम् — 8.24.10
Original
Segmented
अस्माकम् त्वम् वरम् देव प्रयच्छ इमम् पितामह वयम् पुराणि त्रीण्य् एव समास्थाय महीम् इमाम् विचरिष्याम लोके ऽस्मिंस् त्वद्-प्रसाद-पुरस्कृताः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अस्माकम् | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
वरम् | वर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
देव | देव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
प्रयच्छ | प्रयम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
इमम् | इदम् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
पितामह | पितामह | pos=n,g=m,c=8,n=s |
वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
पुराणि | पुर | pos=n,g=n,c=2,n=p |
त्रीण्य् | त्रि | pos=n,g=n,c=2,n=p |
एव | एव | pos=i |
समास्थाय | समास्था | pos=vi |
महीम् | मही | pos=n,g=f,c=2,n=s |
इमाम् | इदम् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
विचरिष्याम | विचर् | pos=v,p=1,n=p,l=lrn |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽस्मिंस् | इदम् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
प्रसाद | प्रसाद | pos=n,comp=y |
पुरस्कृताः | पुरस्कृ | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |