महाभारतम् — 8.15.24
Original
Segmented
विज्यम् धनुः अथ अधिज्यम् कृत्वा द्रौणिः अमित्र-हा ततः शर-सहस्राणि प्रेषयामास पाण्ड्यतः इषु-सम्बाधम् आकाशम् अकरोद् दिश एव च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विज्यम् | विज्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
धनुः | धनुस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अथ | अथ | pos=i |
अधिज्यम् | अधिज्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
द्रौणिः | द्रौणि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अमित्र | अमित्र | pos=n,comp=y |
हा | हन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ततः | ततस् | pos=i |
शर | शर | pos=n,comp=y |
सहस्राणि | सहस्र | pos=n,g=n,c=2,n=p |
प्रेषयामास | प्रेषय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
पाण्ड्यतः | पाण्ड्य | pos=n,g=m,c=5,n=s |
इषु | इषु | pos=n,comp=y |
सम्बाधम् | सम्बाध | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आकाशम् | आकाश | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अकरोद् | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
दिश | दिश् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
एव | एव | pos=i |
च | च | pos=i |