Original

धृतराष्ट्र उवाच ।प्रोक्तस्त्वया पूर्वमेव प्रवीरो लोकविश्रुतः ।न त्वस्य कर्म संग्रामे त्वया संजय कीर्तितम् ॥ १ ॥

Segmented

धृतराष्ट्र उवाच प्रोक्तस् त्वया पूर्वम् एव प्रवीरो लोक-विश्रुतः न त्व् अस्य कर्म संग्रामे त्वया संजय कीर्तितम्

Analysis

Word Lemma Parse
धृतराष्ट्र धृतराष्ट्र pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
प्रोक्तस् प्रवच् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
त्वया त्वद् pos=n,g=,c=3,n=s
पूर्वम् पूर्वम् pos=i
एव एव pos=i
प्रवीरो प्रवीर pos=n,g=m,c=1,n=s
लोक लोक pos=n,comp=y
विश्रुतः विश्रु pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
pos=i
त्व् तु pos=i
अस्य इदम् pos=n,g=m,c=6,n=s
कर्म कर्मन् pos=n,g=n,c=1,n=s
संग्रामे संग्राम pos=n,g=m,c=7,n=s
त्वया त्वद् pos=n,g=,c=3,n=s
संजय संजय pos=n,g=m,c=8,n=s
कीर्तितम् कीर्तय् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part