Original

कबन्धैः शोणितादिग्धैश्छिन्नगात्रशिरोधरैः ।भूर्भाति भरतश्रेष्ठ शान्तार्चिर्भिरिवाग्निभिः ॥ ४२ ॥

Segmented

कबन्धैः शोणित-आदिग्धैः छिन्न-गात्र-शिरोधरा भूः भाति भरत-श्रेष्ठ शान्त-अर्चिस् इव अग्निभिः

Analysis

Word Lemma Parse
कबन्धैः कबन्ध pos=n,g=m,c=3,n=p
शोणित शोणित pos=n,comp=y
आदिग्धैः आदिह् pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part
छिन्न छिद् pos=va,comp=y,f=part
गात्र गात्र pos=n,comp=y
शिरोधरा शिरोधरा pos=n,g=m,c=3,n=p
भूः भू pos=n,g=f,c=1,n=s
भाति भा pos=v,p=3,n=s,l=lat
भरत भरत pos=n,comp=y
श्रेष्ठ श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=8,n=s
शान्त शम् pos=va,comp=y,f=part
अर्चिस् अर्चिस् pos=n,g=m,c=3,n=p
इव इव pos=i
अग्निभिः अग्नि pos=n,g=m,c=3,n=p