महाभारतम् — 8.14.1
Original
Segmented
संजय उवाच प्रत्यागत्य पुनः जिष्णुः अहन् संशप्तकान् बहून् वक्र-अनुवक्र-गमनात् अङ्गारक इव ग्रहः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
प्रत्यागत्य | प्रत्यागम् | pos=vi |
पुनः | पुनर् | pos=i |
जिष्णुः | जिष्णु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अहन् | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
संशप्तकान् | संशप्तक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
बहून् | बहु | pos=a,g=m,c=2,n=p |
वक्र | वक्र | pos=a,comp=y |
अनुवक्र | अनुवक्र | pos=a,comp=y |
गमनात् | गमन | pos=n,g=n,c=5,n=s |
अङ्गारक | अङ्गारक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
ग्रहः | ग्रह | pos=n,g=m,c=1,n=s |