महाभारतम् — 7.97.38
Original
Segmented
पाषाण-योधिन् शूरान् यतमानान् अवस्थितान् अवधीद् बहु-साहस्रान् तत् अद्भुतम् इव अभवत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पाषाण | पाषाण | pos=n,comp=y |
योधिन् | योधिन् | pos=a,g=m,c=2,n=p |
शूरान् | शूर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
यतमानान् | यत् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
अवस्थितान् | अवस्था | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
अवधीद् | वध् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
बहु | बहु | pos=a,comp=y |
साहस्रान् | साहस्र | pos=a,g=m,c=2,n=p |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अद्भुतम् | अद्भुत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
अभवत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |