Original

कच्चिद्गाण्डीवशब्देन न प्रणश्यत वै बलम् ।यद्वः स भैरवं कुर्वन्नर्जुनो भृशमभ्यगात् ॥ १९ ॥

Segmented

कच्चिद् गाण्डीव-शब्देन न प्रणश्यत वै बलम् यद् वः स भैरवम् कुर्वन्न् अर्जुनो भृशम् अभ्यगात्

Analysis

Word Lemma Parse
कच्चिद् कच्चित् pos=i
गाण्डीव गाण्डीव pos=n,comp=y
शब्देन शब्द pos=n,g=m,c=3,n=s
pos=i
प्रणश्यत प्रणश् pos=v,p=3,n=s,l=lan
वै वै pos=i
बलम् बल pos=n,g=n,c=2,n=s
यद् यत् pos=i
वः त्वद् pos=n,g=,c=2,n=p
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
भैरवम् भैरव pos=a,g=n,c=2,n=s
कुर्वन्न् कृ pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
अर्जुनो अर्जुन pos=n,g=m,c=1,n=s
भृशम् भृशम् pos=i
अभ्यगात् अभिगा pos=v,p=3,n=s,l=lun