महाभारतम् — 7.85.88
Original
Segmented
अर्जुनः तु एव वार्ष्णेय पीडितो बहुभिः युधि प्रजह्यात् समरे प्राणान् तस्मात् विन्दामि कश्मलम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्जुनः | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
एव | एव | pos=i |
वार्ष्णेय | वार्ष्णेय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
पीडितो | पीडय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
बहुभिः | बहु | pos=a,g=m,c=3,n=p |
युधि | युध् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
प्रजह्यात् | प्रहा | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
प्राणान् | प्राण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
विन्दामि | विद् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
कश्मलम् | कश्मल | pos=n,g=n,c=2,n=s |