Original

स वध्यमानः समरे पाण्डवैर्जितकाशिभिः ।दग्धाद्रिकूटशृङ्गाभं भिन्नाञ्जनचयोपमम् ॥ २१ ॥

Segmented

स वध्यमानः समरे पाण्डवैः जित-काशिन् दग्ध-अद्रि-कूट-शृङ्ग-आभम् भिन्नाञ्जन-चय-उपमम्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
वध्यमानः वध् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
समरे समर pos=n,g=n,c=7,n=s
पाण्डवैः पाण्डव pos=n,g=m,c=3,n=p
जित जि pos=va,comp=y,f=part
काशिन् काशिन् pos=a,g=m,c=3,n=p
दग्ध दह् pos=va,comp=y,f=part
अद्रि अद्रि pos=n,comp=y
कूट कूट pos=n,comp=y
शृङ्ग शृङ्ग pos=n,comp=y
आभम् आभ pos=a,g=m,c=2,n=s
भिन्नाञ्जन भिन्नाञ्जन pos=n,comp=y
चय चय pos=n,comp=y
उपमम् उपम pos=a,g=m,c=2,n=s