Original

संगृह्यमाणां तां दृष्ट्वा पाण्डवैर्वाहिनीं रणे ।व्यावृत्य चक्षुषी कोपाद्भारद्वाजोऽन्ववैक्षत ॥ ७ ॥

Segmented

संगृह्यमाणाम् ताम् दृष्ट्वा पाण्डवैः वाहिनीम् रणे व्यावृत्य चक्षुषी कोपाद् भारद्वाजो ऽन्ववैक्षत

Analysis

Word Lemma Parse
संगृह्यमाणाम् संग्रह् pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
ताम् तद् pos=n,g=f,c=2,n=s
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
पाण्डवैः पाण्डव pos=n,g=m,c=3,n=p
वाहिनीम् वाहिनी pos=n,g=f,c=2,n=s
रणे रण pos=n,g=m,c=7,n=s
व्यावृत्य व्यावृ pos=vi
चक्षुषी चक्षुस् pos=n,g=n,c=2,n=d
कोपाद् कोप pos=n,g=m,c=5,n=s
भारद्वाजो भारद्वाज pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽन्ववैक्षत अन्ववेक्ष् pos=v,p=3,n=s,l=lan