Original

अवश्यं तु मया कार्यं साह्यं सर्वदिवौकसाम् ।ममेदं गात्रजं शक्र कवचं गृह्य भास्वरम् ।बधानानेन मन्त्रेण मानसेन सुरेश्वर ॥ ६२ ॥

Segmented

अवश्यम् तु मया कार्यम् साह्यम् सर्व-दिवौकसाम् मे इदम् गात्र-जम् शक्र कवचम् गृह्य भास्वरम् बधान अनेन मन्त्रेण मानसेन सुरेश्वर

Analysis

Word Lemma Parse
अवश्यम् अवश्यम् pos=i
तु तु pos=i
मया मद् pos=n,g=,c=3,n=s
कार्यम् कृ pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya
साह्यम् साह्य pos=n,g=n,c=1,n=s
सर्व सर्व pos=n,comp=y
दिवौकसाम् दिवौकस् pos=n,g=m,c=6,n=p
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
इदम् इदम् pos=n,g=n,c=2,n=s
गात्र गात्र pos=n,comp=y
जम् pos=a,g=n,c=2,n=s
शक्र शक्र pos=n,g=m,c=8,n=s
कवचम् कवच pos=n,g=n,c=2,n=s
गृह्य ग्रह् pos=vi
भास्वरम् भास्वर pos=a,g=n,c=2,n=s
बधान बन्ध् pos=v,p=2,n=s,l=lot
अनेन इदम् pos=n,g=m,c=3,n=s
मन्त्रेण मन्त्र pos=n,g=m,c=3,n=s
मानसेन मानस pos=a,g=m,c=3,n=s
सुरेश्वर सुरेश्वर pos=n,g=m,c=8,n=s