Original

अद्भुतं चाद्य पश्यन्तु लोके सर्वधनुर्धराः ।विषक्तं त्वयि कौन्तेयं वासुदेवस्य पश्यतः ॥ ३४ ॥

Segmented

अद्भुतम् च अद्य पश्यन्तु लोके सर्व-धनुर्धराः विषक्तम् त्वयि कौन्तेयम् वासुदेवस्य पश्यतः

Analysis

Word Lemma Parse
अद्भुतम् अद्भुत pos=n,g=n,c=2,n=s
pos=i
अद्य अद्य pos=i
पश्यन्तु पश् pos=v,p=3,n=p,l=lot
लोके लोक pos=n,g=m,c=7,n=s
सर्व सर्व pos=n,comp=y
धनुर्धराः धनुर्धर pos=n,g=m,c=1,n=p
विषक्तम् विषञ्ज् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
त्वयि त्वद् pos=n,g=,c=7,n=s
कौन्तेयम् कौन्तेय pos=n,g=m,c=2,n=s
वासुदेवस्य वासुदेव pos=n,g=m,c=6,n=s
पश्यतः दृश् pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part