Original

संजय उवाच ।हन्त ते संप्रवक्ष्यामि सर्वं प्रत्यक्षदर्शिवान् ।शुश्रूषस्व स्थिरो भूत्वा तव ह्यपनयो महान् ॥ १ ॥

Segmented

संजय उवाच हन्त ते सम्प्रवक्ष्यामि सर्वम् प्रत्यक्ष-दर्शिवत् शुश्रूषस्व स्थिरो भूत्वा तव हि अपनयः महान्

Analysis

Word Lemma Parse
संजय संजय pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
हन्त हन्त pos=i
ते त्वद् pos=n,g=,c=4,n=s
सम्प्रवक्ष्यामि सम्प्रवच् pos=v,p=1,n=s,l=lrt
सर्वम् सर्व pos=n,g=n,c=2,n=s
प्रत्यक्ष प्रत्यक्ष pos=a,comp=y
दर्शिवत् दर्शिवत् pos=a,g=m,c=1,n=s
शुश्रूषस्व शुश्रूष् pos=v,p=2,n=s,l=lot
स्थिरो स्थिर pos=a,g=m,c=1,n=s
भूत्वा भू pos=vi
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
हि हि pos=i
अपनयः अपनय pos=n,g=m,c=1,n=s
महान् महत् pos=a,g=m,c=1,n=s