Original

अर्जुनेन प्रतिज्ञातमार्तेन हतबन्धुना ।जयद्रथं हनिष्यामि श्वोभूत इति दारुक ॥ १८ ॥

Segmented

अर्जुनेन प्रतिज्ञातम् आर्तेन हत-बन्धुना जयद्रथम् हनिष्यामि श्वोभूत इति दारुक

Analysis

Word Lemma Parse
अर्जुनेन अर्जुन pos=n,g=m,c=3,n=s
प्रतिज्ञातम् प्रतिज्ञा pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
आर्तेन आर्त pos=a,g=m,c=3,n=s
हत हन् pos=va,comp=y,f=part
बन्धुना बन्धु pos=n,g=m,c=3,n=s
जयद्रथम् जयद्रथ pos=n,g=m,c=2,n=s
हनिष्यामि हन् pos=v,p=1,n=s,l=lrt
श्वोभूत श्वोभूत pos=a,g=n,c=7,n=s
इति इति pos=i
दारुक दारुक pos=n,g=m,c=8,n=s