महाभारतम् — 7.53.31
Original
Segmented
अर्जुन उवाच षड् रथान् धार्तराष्ट्रस्य मन्यसे यान् बल-अधिकान् तेषाम् वीर्यम् मे अर्धेन न तुल्यम् इति लक्षये
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्जुन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
षड् | षष् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
रथान् | रथ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
धार्तराष्ट्रस्य | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मन्यसे | मन् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
यान् | यद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
बल | बल | pos=n,comp=y |
अधिकान् | अधिक | pos=a,g=m,c=2,n=p |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
वीर्यम् | वीर्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अर्धेन | अर्ध | pos=n,g=n,c=3,n=s |
न | न | pos=i |
तुल्यम् | तुल्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
इति | इति | pos=i |
लक्षये | लक्षय् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |