महाभारतम् — 7.51.42
Original
Segmented
स पाञ्चजन्यो अच्युत-वक्त्र-वायुना भृशम् सु पूर्ण-उदर-निःसृत-ध्वनिः जगत् स पाताल-वियन्त्-दिः-ईश्वरम् प्रकम्पयामास युग-अत्यये यथा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पाञ्चजन्यो | पाञ्चजन्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अच्युत | अच्युत | pos=n,comp=y |
वक्त्र | वक्त्र | pos=n,comp=y |
वायुना | वायु | pos=n,g=m,c=3,n=s |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
सु | सु | pos=i |
पूर्ण | पृ | pos=va,comp=y,f=part |
उदर | उदर | pos=n,comp=y |
निःसृत | निःसृ | pos=va,comp=y,f=part |
ध्वनिः | ध्वनि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जगत् | जगन्त् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
स | स | pos=i |
पाताल | पाताल | pos=n,comp=y |
वियन्त् | वियन्त् | pos=n,comp=y |
दिः | दिश् | pos=n,comp=y |
ईश्वरम् | ईश्वर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रकम्पयामास | प्रकम्पय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
युग | युग | pos=n,comp=y |
अत्यये | अत्यय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
यथा | यथा | pos=i |