Original

उपप्लुतं यथा सोमं संशुष्कमिव सागरम् ।पूर्णचन्द्राभवदनं काकपक्षवृताक्षकम् ॥ १७ ॥

Segmented

उपप्लुतम् यथा सोमम् संशुष्कम् इव सागरम् पूर्ण-चन्द्र-आभ-वदनम् काकपक्ष-वृत-अक्षकम्

Analysis

Word Lemma Parse
उपप्लुतम् उपप्लु pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
यथा यथा pos=i
सोमम् सोम pos=n,g=m,c=2,n=s
संशुष्कम् संशुष्क pos=a,g=m,c=2,n=s
इव इव pos=i
सागरम् सागर pos=n,g=m,c=2,n=s
पूर्ण पूर्ण pos=a,comp=y
चन्द्र चन्द्र pos=n,comp=y
आभ आभ pos=a,comp=y
वदनम् वदन pos=n,g=m,c=2,n=s
काकपक्ष काकपक्ष pos=n,comp=y
वृत वृ pos=va,comp=y,f=part
अक्षकम् अक्षक pos=n,g=m,c=2,n=s