Original

स छिन्नधन्वा विरथः स्वधर्ममनुपालयन् ।खड्गचर्मधरः श्रीमानुत्पपात विहायसम् ॥ ३४ ॥

Segmented

स छिन्न-धन्वा विरथः स्वधर्मम् अनुपालयन् खड्ग-चर्म-धरः श्रीमान् उत्पपात विहायसम्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
छिन्न छिद् pos=va,comp=y,f=part
धन्वा धन्वन् pos=n,g=m,c=1,n=s
विरथः विरथ pos=a,g=m,c=1,n=s
स्वधर्मम् स्वधर्म pos=n,g=m,c=2,n=s
अनुपालयन् अनुपालय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
खड्ग खड्ग pos=n,comp=y
चर्म चर्मन् pos=n,comp=y
धरः धर pos=a,g=m,c=1,n=s
श्रीमान् श्रीमत् pos=a,g=m,c=1,n=s
उत्पपात उत्पत् pos=v,p=3,n=s,l=lit
विहायसम् विहायस् pos=n,g=m,c=2,n=s