Original

स कोसलानां भर्तारं राजपुत्रं बृहद्बलम् ।हृदि विव्याध बाणेन स भिन्नहृदयोऽपतत् ॥ २२ ॥

Segmented

स कोसलानाम् भर्तारम् राज-पुत्रम् बृहद्बलम् हृदि विव्याध बाणेन स भिन्न-हृदयः ऽपतत्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
कोसलानाम् कोसल pos=n,g=m,c=6,n=p
भर्तारम् भर्तृ pos=n,g=m,c=2,n=s
राज राजन् pos=n,comp=y
पुत्रम् पुत्र pos=n,g=m,c=2,n=s
बृहद्बलम् बृहद्बल pos=n,g=m,c=2,n=s
हृदि हृद् pos=n,g=n,c=7,n=s
विव्याध व्यध् pos=v,p=3,n=s,l=lit
बाणेन बाण pos=n,g=m,c=3,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
भिन्न भिद् pos=va,comp=y,f=part
हृदयः हृदय pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽपतत् पत् pos=v,p=3,n=s,l=lan