Original

स हताश्वादवप्लुत्य छिन्नधन्वा रथोत्तमात् ।सात्यकेराप्लुतो यानं गिर्यग्रमिव केसरी ॥ १४ ॥

Segmented

स हत-अश्वात् अवप्लुत्य छिन्न-धन्वा रथ-उत्तमात् सात्यकेः आप्लुतो यानम् गिरि-अग्रम् इव केसरी

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
हत हन् pos=va,comp=y,f=part
अश्वात् अश्व pos=n,g=m,c=5,n=s
अवप्लुत्य अवप्लु pos=vi
छिन्न छिद् pos=va,comp=y,f=part
धन्वा धन्वन् pos=n,g=m,c=1,n=s
रथ रथ pos=n,comp=y
उत्तमात् उत्तम pos=a,g=m,c=5,n=s
सात्यकेः सात्यकि pos=n,g=m,c=6,n=s
आप्लुतो आप्लु pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
यानम् यान pos=n,g=n,c=2,n=s
गिरि गिरि pos=n,comp=y
अग्रम् अग्र pos=n,g=n,c=2,n=s
इव इव pos=i
केसरी केसरिन् pos=n,g=m,c=1,n=s