Original

दृष्ट्वा तु क्षत्रिया भारं सैन्धवे सर्वमर्पितम् ।उत्क्रुश्याभ्यद्रवन्राजन्येन यौधिष्ठिरं बलम् ॥ २० ॥

Segmented

दृष्ट्वा तु क्षत्रिया भारम् सैन्धवे सर्वम् अर्पितम् उत्क्रुश्य अभ्यद्रवन् राजन् येन यौधिष्ठिरम् बलम्

Analysis

Word Lemma Parse
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
तु तु pos=i
क्षत्रिया क्षत्रिय pos=n,g=m,c=1,n=p
भारम् भार pos=n,g=m,c=2,n=s
सैन्धवे सैन्धव pos=n,g=m,c=7,n=s
सर्वम् सर्व pos=n,g=n,c=1,n=s
अर्पितम् अर्पय् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
उत्क्रुश्य उत्क्रुश् pos=vi
अभ्यद्रवन् अभिद्रु pos=v,p=3,n=p,l=lan
राजन् राजन् pos=n,g=m,c=8,n=s
येन येन pos=i
यौधिष्ठिरम् यौधिष्ठिर pos=a,g=n,c=1,n=s
बलम् बल pos=n,g=n,c=1,n=s