महाभारतम् — 7.40.1
Original
Segmented
संजय उवाच सो ऽभिगर्जन् धनुष्पाणिः ज्याम् विकर्षन् पुनः पुनः तयोः महात्मन् तूर्णम् रथ-अन्तरम् अवापतत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽभिगर्जन् | अभिगर्ज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
धनुष्पाणिः | धनुष्पाणि | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ज्याम् | ज्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
विकर्षन् | विकृष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
पुनः | पुनर् | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
तयोः | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=d |
महात्मन् | महात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=d |
तूर्णम् | तूर्णम् | pos=i |
रथ | रथ | pos=n,comp=y |
अन्तरम् | अन्तर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
अवापतत् | अवपत् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |