महाभारतम् — 7.32.15
Original
Segmented
द्रोणेन व्याहृते तु एवम् संशप्तक-गणाः पुनः आह्वयन्न् अर्जुनम् संख्ये दक्षिणाम् अभितो दिशम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
द्रोणेन | द्रोण | pos=n,g=m,c=3,n=s |
व्याहृते | व्याहृ | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
तु | तु | pos=i |
एवम् | एवम् | pos=i |
संशप्तक | संशप्तक | pos=n,comp=y |
गणाः | गण | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पुनः | पुनर् | pos=i |
आह्वयन्न् | आह्वा | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
अर्जुनम् | अर्जुन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
संख्ये | संख्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
दक्षिणाम् | दक्षिण | pos=a,g=f,c=2,n=s |
अभितो | अभितस् | pos=i |
दिशम् | दिश् | pos=n,g=f,c=2,n=s |