Original

संजय उवाच ।यन्मां पार्थस्य संग्रामे कर्माणि परिपृच्छसि ।तच्छृणुष्व महाराज पार्थो यदकरोन्मृधे ॥ १ ॥

Segmented

संजय उवाच यत् माम् पार्थस्य संग्रामे कर्माणि परिपृच्छसि तत् शृणुष्व महा-राज पार्थो यद् अकरोत् मृधे

Analysis

Word Lemma Parse
संजय संजय pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
यत् यत् pos=i
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
पार्थस्य पार्थ pos=n,g=m,c=6,n=s
संग्रामे संग्राम pos=n,g=m,c=7,n=s
कर्माणि कर्मन् pos=n,g=n,c=2,n=p
परिपृच्छसि परिप्रच्छ् pos=v,p=2,n=s,l=lat
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
शृणुष्व श्रु pos=v,p=2,n=s,l=lot
महा महत् pos=a,comp=y
राज राज pos=n,g=m,c=8,n=s
पार्थो पार्थ pos=n,g=m,c=1,n=s
यद् यद् pos=n,g=n,c=2,n=s
अकरोत् कृ pos=v,p=3,n=s,l=lan
मृधे मृध pos=n,g=m,c=7,n=s