महाभारतम् — 7.24.1
Original
Segmented
संजय उवाच महद् भैरवम् आसीत् नः संनिवृत्तेषु पाण्डुषु दृष्ट्वा द्रोणम् छाद्यमानम् तैः भास्करम् इव अम्बुदैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
महद् | महत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
भैरवम् | भैरव | pos=a,g=n,c=1,n=s |
आसीत् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
नः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
संनिवृत्तेषु | संनिवृत् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
पाण्डुषु | पाण्डु | pos=n,g=m,c=7,n=p |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
द्रोणम् | द्रोण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
छाद्यमानम् | छादय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
भास्करम् | भास्कर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
अम्बुदैः | अम्बुद | pos=n,g=m,c=3,n=p |