महाभारतम् — 7.23.1
Original
Segmented
धृतराष्ट्र उवाच व्यथयेयुः इमे सेनाम् देवानाम् अपि संयुगे आहवे ये न्यवर्तन्त वृकोदर-मुखाः रथाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
धृतराष्ट्र | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
व्यथयेयुः | व्यथय् | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
इमे | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सेनाम् | सेना | pos=n,g=f,c=2,n=s |
देवानाम् | देव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
संयुगे | संयुग | pos=n,g=n,c=7,n=s |
आहवे | आहव | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
न्यवर्तन्त | निवृत् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
वृकोदर | वृकोदर | pos=n,comp=y |
मुखाः | मुख | pos=n,g=m,c=1,n=p |
रथाः | रथ | pos=n,g=m,c=1,n=p |