महाभारतम् — 7.18.34
Original
Segmented
रजः च महद् उद्भूतम् शान्तम् रुधिर-वृष्टिभिः मही च अपि अभवत् दुर्गा कबन्ध-शत-संकुला
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
रजः | रजस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
महद् | महत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
उद्भूतम् | उद्भू | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
शान्तम् | शम् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
रुधिर | रुधिर | pos=n,comp=y |
वृष्टिभिः | वृष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=p |
मही | मही | pos=n,g=f,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
अभवत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
दुर्गा | दुर्ग | pos=a,g=f,c=1,n=s |
कबन्ध | कबन्ध | pos=n,comp=y |
शत | शत | pos=n,comp=y |
संकुला | संकुल | pos=a,g=f,c=1,n=s |