Original

स भिन्नकवचः शूरस्तोत्त्रार्दित इव द्विपः ।विमुच्य सशरं चापं भूरिव्रणपरिस्रवः ॥ ५१ ॥

Segmented

स भिन्न-कवचः शूरः तोत्त्र-अर्दितः इव द्विपः विमुच्य स शरम् चापम् भूरि-व्रण-परिस्रवः

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
भिन्न भिद् pos=va,comp=y,f=part
कवचः कवच pos=n,g=m,c=1,n=s
शूरः शूर pos=n,g=m,c=1,n=s
तोत्त्र तोत्त्र pos=n,comp=y
अर्दितः अर्दय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
इव इव pos=i
द्विपः द्विप pos=n,g=m,c=1,n=s
विमुच्य विमुच् pos=vi
pos=i
शरम् शर pos=n,g=m,c=2,n=s
चापम् चाप pos=n,g=m,c=2,n=s
भूरि भूरि pos=n,comp=y
व्रण व्रण pos=n,comp=y
परिस्रवः परिस्रव pos=n,g=m,c=1,n=s