Original

स छिन्नधन्वा विरथो हताश्वो हतसारथिः ।उत्तमामापदं प्राप्य गदां वीरः परामृशत् ॥ १३३ ॥

Segmented

स छिन्न-धन्वा विरथो हत-अश्वः हत-सारथिः उत्तमाम् आपदम् प्राप्य गदाम् वीरः परामृशत्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
छिन्न छिद् pos=va,comp=y,f=part
धन्वा धन्वन् pos=n,g=m,c=1,n=s
विरथो विरथ pos=a,g=m,c=1,n=s
हत हन् pos=va,comp=y,f=part
अश्वः अश्व pos=n,g=m,c=1,n=s
हत हन् pos=va,comp=y,f=part
सारथिः सारथि pos=n,g=m,c=1,n=s
उत्तमाम् उत्तम pos=a,g=f,c=2,n=s
आपदम् आपद् pos=n,g=f,c=2,n=s
प्राप्य प्राप् pos=vi
गदाम् गदा pos=n,g=f,c=2,n=s
वीरः वीर pos=n,g=m,c=1,n=s
परामृशत् परामृश् pos=v,p=3,n=s,l=lan